Monday, September 6, 2010

'माँ' से डरना भ्रम है...


'माँ' का अर्थ है जननी अथार्थ जिसमे जनने की क्षमता हो, एक और जीव की उत्पत्ति करने का दायित्व हो
जो अपने सारे दर्द भुलाकर अपने बच्चे की सुरक्षा करती है, अपने बच्चे को पीड़ा मुक्त करते हुए उसे अपनी
सुध बुध का भी ध्यान नहीं रहता , बच्चा जब कीचड़ युक्त होता है तो माँ ही उसे गोद में उठा कीचड़ साफ़
करती है , 'माँ' शब्द का वर्णन करने में सारे वेद और उपनिषद भी नि:शब्द हो जाते हैं.

तो जब हम 'माँ' की गरिमा को अनंत मानते हैं, तो क्यों कई लोग आदिशक्ति को समर्पण करने में डरते या
हिचकिचाते हैं , क्यों उस 'माँ' को लोग भयानक, डरावनी और देवी समझते हैं. माँ तो करुणा का सागर, प्रेम
और वात्सल्य की मूर्ति हैं, उनकी ममता रूपी गंगा में बहने के लिए ब्रह्मा , विष्णु, शिव , इन्द्र आदि देवगण
भी तरसते हैं,

'माँ की पूजा में कोई गलती हो गयी तो अनर्थ हो जायेगा' ---'सांसारिक घरो में माँ की पूजा नहीं की जाती' ऐसा
लोग सोचते हैं, कोई मुझे ये बताये जब बच्चे से गलती होती है तो क्या माँ उसे डांट नहीं सकती? डांट कर , सीखा
कर फिर ममता में बह कर दुलार भी करती है....या कोई ये बताये जब एक आदमी संसार बसाता है तो क्या वो
अपनी माँ को घर से निकाल देता है? करुणा और प्रेम का साक्षात्कार है माँ जगदम्बा. माँ काली दिखने में जैसी
भी हो पर अन्दर से कोमल कली होती है. उनकी करुणा की तुलना किसी से नहीं हो सकती. किसी काली भक्त या
अम्बे भक्त से पूछो उनके अनुभव क्या हैं?

पूरी पृथ्वी को अगर कागज़ समझें, सारे पेड़ो को कलम और समुद्र को स्याही माने तो भी माँ की कृपा का कोई
वर्णन नहीं कर सकता. माँ की भक्ति ही हमारे कीचड़ अर्थात अवगुणों को साफ़ कर सकती है.
कलियुग में 'माँ' की आराधना ही भौतिक सुख प्राप्य , दु:ख नाशक , कष्ट निवारक और अंत में मोक्ष दायिनी है.

माँ से डरें नहीं अपितु उनकी गोद में शान से और अधिकार से ज़िन्दगी बिताएं......
माँ आपकी मनोकामना पूर्ण करे.......मंगल कामना के साथ.......

1 comment:

  1. हरीश , सच ही तो है माँ की ममता और प्यार जीवन के उन अनेक रहस्यों का ज्ञान करता है जिनसे हम नावाकिफ होतें है ! माँ के रूपों में हम न केवल इस जग का ही नहीं अपितु उस अनजान जग के बारे में भी जान पातें है जिसकी कामना हर मनुष्य करता है ! इसी तरह अपनी भावनाएं अपने शब्दों में ढालते रहना , तुम्हे भी एक ऐसी अनुभूति होगी , जिसकी तुम्हे तलाश है !
    मोहन

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